अति का भला ना बोलना, अति कि भली ना चूप
अति का भला ना बरसना, अति कि भली ना धूप
Tuesday, July 10, 2007
Friday, July 6, 2007
अमृत वाणी
निंदक नियरे राखिये , आंगन कुटीर छवाय!
बिन पानी साबुन बिना , निर्मल करे स्वभाये !!
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भयो न कोय !
ढाई आखर प्रेम का पढे सो पंडित होय !!
बुरा jo देखन चला बुरा न मिलया कोय !
जों मन खोजा आपना तो मुझसे बुरा ना कोय !!
ऐसी वाणी बोलिए, मन का आप खोय !
अपना तन शीतल करे, औरहु शीतल होय !!
बिन पानी साबुन बिना , निर्मल करे स्वभाये !!
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भयो न कोय !
ढाई आखर प्रेम का पढे सो पंडित होय !!
बुरा jo देखन चला बुरा न मिलया कोय !
जों मन खोजा आपना तो मुझसे बुरा ना कोय !!
ऐसी वाणी बोलिए, मन का आप खोय !
अपना तन शीतल करे, औरहु शीतल होय !!
हिंदी का महत्व
हिंदी, हमारी मात्री भाषा है , हर देश कि तरह हिंदुस्तान मे भी जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा मत्री भाषा जनता है पर अन्य देशो कि तरह हम हमारी मात्री भाषा उपयोग करने मे हिचकिचाते है लोग हिंदी बोलने से कतराते है , हिंदी बोलने वालो को छोटा समझते है
मेरी ये संगोष्ठी समर्पित है हमारी मात्री भाषा के नाम , और मैं स्वागत करता हु उन सभी लोगो का जो इस भाषा का उपयोग करना चाहते है
यहा आपको अपनी स्वेक्षा अनुसार कुछ भी लिखने कि पुरी आजादी है यहा हिंदी लिखे के लिए आपको हिंदी टैपिंग जानने कि जरूरत नही , आप आपने स्वर पटल पर हिंदी शब्द के अंग्रेजी वर्तनी (स्पेल्लिंग) लिखते जाये और ऊपर "अ" चित्र को क्लिक करें
वर्षो बाद हिंदी लिखने का अलग ही अह्शाश है
मेरी ये संगोष्ठी समर्पित है हमारी मात्री भाषा के नाम , और मैं स्वागत करता हु उन सभी लोगो का जो इस भाषा का उपयोग करना चाहते है
यहा आपको अपनी स्वेक्षा अनुसार कुछ भी लिखने कि पुरी आजादी है यहा हिंदी लिखे के लिए आपको हिंदी टैपिंग जानने कि जरूरत नही , आप आपने स्वर पटल पर हिंदी शब्द के अंग्रेजी वर्तनी (स्पेल्लिंग) लिखते जाये और ऊपर "अ" चित्र को क्लिक करें
वर्षो बाद हिंदी लिखने का अलग ही अह्शाश है
Tuesday, June 12, 2007
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